भगवान से हमे आशा क्यों रखनी चाहिए?


इस बात को हम एक सच्ची घटना द्वारा समझेंगे तो एक बार की बात है यह बात भारत की नहीं बल्कि अमेरिका की है तो दोस्तों एक बार की बात है एक मार्कस नाम का व्यक्ति था जो एक हर्ट का डॉक्टर था व पूरे अमेरिका में सबसे प्रसिद्ध डॉक्टरों में से एक बार उसको किसी काम से दूसरे देश में बुलाया गया ताकि वह वहां जाकर एक हॉस्पिटल का उद्घाटन कर सके तो क्या होना था व वहां पर जाने की पूरी तैयारी करने लगा और वहां जाने लगा वह वहां एरोप्लेन द्वारा जा रहा था फिर वह एयरपोर्ट पहुंचा और टिकट लिया और एरोप्लेन में जाने के लिए बैठ गया और इंतजार करने लगा कि कब यह एरोप्लेन उड़ेगा आखिरकार एरोप्लेन उड़ने लगा फिर वह बेसब्री से इंतजार करने लगा कि कब मैं उस हॉस्पिटल का उद्घाटन करूंगा जब उसका एरोप्लेन हवा में उड़ रहा था और जमीन की सतह से काफी ऊपर था तब उसके एरोप्लेन में कुछ खराबी आ गई जिससे उसमे बैठे पायलट
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 को एक इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी क्योंकि उसके एरोप्लेन में कुछ तकनीकी खराबी हो गई थी फिर वह एरोप्लेन किसी नजदीक एयरपोर्ट पर रुक गई पर मार्कस को हॉस्पिटल का उद्घाटन करने जल्दी ही जाना था नहीं तो वह लेट हो जाता इसलिए व एरोप्लेन से उतरा और दूसरी एरोप्लेन के बारे में पता करने लगा परंतु जो एरोप्लेन जाने वाली थी अभी वह नहीं आई थी इसलिए मार्कस एयरपोर्ट के बाहर जा कर एक टैक्सी लेकर निकल गया उस टैक्सी में ड्राइवर नहीं था इसलिए मार्कस को स्वयं ही टैक्सी चलानी पड़ी फिर व टैक्सी चलाते चलाते ऐसी जगह पहुंचा जहां बहुत तेज वर्षा हो रही थी जिसकी वजह से वह रास्ता भटक गया और तब पर भी वह रुका नहीं चलते गया चलते गया चलते गया वह जितना ज्यादा चलता उतना ज्यादा व रास्ता भटक जा रहा था क्योंकि बारिश के दिनों में कुछ भी दिख नहीं रही थी क्योंकि बारिश बहुत तेज था फिर क्या होना था उसे अपनी कार एक जगह रोकनी पड़ी जहां पर सुनसान जंगल था वहीं पर एक को झोपड़ी टाइप का घर था तो उसी घर के बगल में मार्कस ने अपनी कार खड़ी कर दी और उस झोपड़ी के बाहर जाकर दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया कुछ समय बाद उस झोपड़ी में से एक महिला ने दरवाजा खोला तो मार्कस ने उससे विनती करते हुए कहा कि मेरी कार इतने बारिश में नहीं चल पा रही है क्या मैं कुछ समय के लिए जब तक यह बारिश बंद नहीं होती तब तक मैं आपके घर में रह सकता हूं। फिर उस महिला ने उनको जवाब दिया कि आप बिल्कुल रह सकते हैं आइए अंदर आपका स्वागत है फिर मार्कस घर के अंदर जाकर बैठ जाता है और उस महिला को देखते रहता है फिर वह महिला थोड़ी समय बाद आती है और मार्कस से पूछती है की आप चाय पीना पसंद करेंगे फिर मार्कस बोलता है कि हां जरूर पियूंगा क्योंकि मार्कस को बहुत जोरों से भूख भी लगी थी इसलिए उसने हां कर दिया फिर वह महिला अपने किचन में जाकर चाय बनाती है फिर थोड़े समय बाद वह महिला चाय लेकर मार्कस को देती है फिर वह महिला मार्कस से गति है कि कृपया चाय पीने से पहले भगवान से विनती कर ले पर मार्कस बोलता है कि मैं भगवान पर विश्वास नहीं करता बल्कि क्रम पर करता हूं अगर आपको भगवान से विनती करनी है तो आप कर सकती हैं मुझे कोई समस्या नहीं फिर वह महिला कुछ भगवान से विनती करती है मार्कस को लगा की महिला कुछ भगवान से मांगना चाहती है मार्कस को उसके हाव भाव से यह बात पता चल जाती है फिर बाद में जब वह महिला विनती मांग लेती है फिर मार्कस उससे पूछता है कि आप भगवान से कुछ मांग रही थी तो आप की क्या समस्या ।वह औरत बोलती है कि यह जो मेरा बच्चा है उसके दिल में एक छेद है और इसे कोई मार्कस नाम का डॉक्टर ही सही कर सकता है पर मुझे नहीं मालूम कि मार्कस कौन है कहां रहता है इसलिए मैं भगवान से आशा करती हूं कि वे मेरे बच्चे को सही कर देंगे यह बात सुनकर मार्कस बहुत अचंभित हुआ फिर थोड़ी देर बाद मार्कस उससे पूछता है कि आपके पास मार्कस नाम के डॉक्टर को देने के लिए कुछ है फिर वह महिला बोलती है कि नहीं मेरे पास कुछ नहीं है फिर मार्कस बोलता है कि
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मैं ही वाह मार्कस डॉक्टर हूं जो दिल का डॉक्टर । फिर वह महिला ईश्वर से बोलती है कि आपका लाख शुक्रिया फिर मार्कस उस महिला को अपने हॉस्पिटल ले जाकर उसके बच्चे का दिल इलाज कर देता है। फिर जब हुआ और उसके हॉस्पिटल से चली जाती है तो मार्कस को ईश्वर पर विश्वास हो जाता है और वह भी भगवान से प्रार्थना पूजा करना शुरू कर देता है ‌।

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दोस्तों इस ऊपर दिए गए कहानी से हमें यह पता चलता है कि हमें भगवान के ऊपर विश्वास और आशा करनी चाहिए। भगवान किसी भी तरीके से हमारी मदद करने जरूर आते हैं।
धन्यवाद यह कहानी पढ़ने के लिए।
वंदे मातरम।

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